Sripuram Golden Temple
(श्रीपुरम हे स्थान वेल्लूर तमिलनाडु)
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर का निर्माण 2007 ईस्वी में पूरा हुआ था। इस मंदिर का निर्माण करने का प्रमुख उद्देश्य सभी धर्मों की एकता को प्रमोट करना था।
इस मंदिर का निर्माण द्वारा दानिक भास्कर रत्नाकर राजू नागपाल के नेतृत्व में स्थापित श्री नारायण पीठम् के सदस्यों ने किया था। यह मंदिर विश्वभर में सोने की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विख्यात हुआ है।
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में पहुंचने के लिए परिक्रमा मार्ग बनाया गया है जो स्वर्ण के लेयर से ढका हुआ है। इस मंदिर की मुख्य गेट के ऊपर स्थित एक विशाल सोने का गोपुरम है जिसमें अनेक स्वर्ण के मोर्टार शामिल हैं।
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने पर आपको विशाल सोने के द्वार और गोल्डन टेम्पल की खूबसूरती देखने को मिलेगी। यहां पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं और आराधना के लिए स्थान दिया गया है।
इस मंदिर का आकर्षण उसके सोने के वाले शिखरों, सोने के मंडपों, सोने के अलंकारों, और सोने की मूर्तियों में है। यह एक शानदार संग्रहालय भी है जहां अनेक सोने के और पत्थर के कार्यकलाप देखे जा सकते हैं।
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रतीक माना जाता है और यहां प्रतिवर्ष लाखों भक्तों द्वारा दर्शन किया जाता है। यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और धार्मिक तीर्थस्थल है जहां शांति और आनंद का अनुभव किया जा सकता है।